छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों में अस्थमा और एलर्जी के लिए बांटी जा रही प्रेडनिसोलोन दवा पर रोक, गुणवत्ता को लेकर उठे हैं सवाल !

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छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों में अस्थमा और एलर्जी के लिए बांटी जा रही प्रेडनिसोलोन दवा पर रोक, गुणवत्ता को लेकर उठे हैं सवाल

रायपुर: छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन (CGMSC) की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। अस्थमा, एलर्जी और सूजन जैसी बीमारियों के इलाज में दी जाने वाली प्रेडनिसोलोन टैबलेट (D-427) के एक बैच की गुणवत्ता पर सवाल उठे हैं।

•⁠ ⁠बैच नंबर T-240368 की दवा को अमानक माना जा रहा है।

•⁠ ⁠01 जुलाई 2024 को बनी और 30 जून 2026 तक वैध इस दवा का निर्माता सनलाइफ साइंसेस है।

•⁠ ⁠गुणवत्ता को लेकर संदेह के बाद इसके वितरण और उपयोग पर रोक लगा दी गई है।

कहां-कहां दी गई थी दवा?

जिला अस्पताल, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक यह दवा भेजी गई थी।

अब सभी केंद्रों को इसके इस्तेमाल पर रोक का निर्देश दिया गया है।

क्यों है ये खतरनाक?

यह एक स्टेरॉइड दवा है जो प्रतिरक्षा तंत्र को प्रभावित करती है।

अगर गुणवत्ता खराब हो तो गंभीर दुष्परिणाम और जान का खतरा हो सकता है।

पहले भी सामने आए हैं मामले

हाल ही में सर्जिकल ब्लेड की खराब गुणवत्ता का मामला भी सामने आया था।

बीते एक साल में CGMSC की सप्लाई की गई कई दवाओं में गंभीर खामियां पाई गई हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि बिना पूरी जांच के इस तरह की दवाएं भेजना सीधे तौर पर मरीजों की जान से खिलवाड़ है।

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Author: thelokmedia

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