
रायपुर | 25 अक्टूबर से 24 नवंबर तक होने वाला है बस्तर ओलंपिक। जिसके लिए पंजीयन 22 सितंबर से 20 अक्टूबर तक होगा। इस बार भी इसका शुभंकर वन भैंसा और पहाड़ी मैना है। इस आयोजन का मकसद सिर्फ खेल तक सीमित नहीं है – बल्कि युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ना, स्थानीय खेल प्रतिभाओं को निखारना, पारंपरिक खेलों को मंच देना और इनमें सबसे अहम माओवादी हिंसा प्रभावित इलाकों में शांति और उम्मीद का माहौल बनाना है।
बस्तर ओलिंपिक में ग्यारह तरह के खेल होंगे जैसे एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिंटन, फुटबॉल, हॉकी, वेटलिफ्टिंग, कराटे, कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल और रस्साकशी। जिसके लिए जूनियर वर्ग 14 से 17 साल तक और सीनियर वर्ग में कोई आयु सीमा नहीं रखी गई है।
बस्तर ओलिंपिक का आयोजन तीन चरणों में होगा।
– {विकासखंड स्तर पर 25 अक्टूबर से, जिला स्तर पर 5 नवंबर से और संभाग स्तर पर 24 नवंबर से}
खास बात यह है कि इसमें स्थानीय खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि आत्मसमर्पित माओवादी और प्रभावित क्षेत्रों के युवा भी शामिल होंगे।
इन सबके के बाद सबसे गर्व की बात है कि इस बार बस्तर ओलंपिक को ‘खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स’ के रूप में राष्ट्रीय मान्यता मिली है।








