
दंतेवाड़ा: बस्तर की परंपराओं में रचा-बसा भीमसेन देव पर्व हर तीन साल में मनाया जाता है। इस बार भी अच्छी बारिश और अच्छी फसल की कामना के साथ दंतेवाड़ा के 84 गांवों के ग्रामीणों ने इस पूजा में हिस्सा लिया।
इस विशेष पूजा को ‘इंद्र देव की पूजा’ भी कहा जाता है। इसकी शुरुआत शीतला माता मंदिर में पूजा से हुई, जिसे मां दंतेश्वरी मंदिर के पुजारी ने संपन्न कराया।
पूरे बस्तर के 12 परगनों के ग्रामीण भीमसेन जात्रा में शामिल हुए और इंद्रदेव से अच्छी बारिश की प्रार्थना की।
पुजारी परमेश्वर नाथ जिया ने बताया कि इस जात्रा की मान्यता वर्षों पुरानी है। लोग दूर-दूर से आकर मुर्गा, फल-फूल, वस्त्र और आभूषण चढ़ाकर मन्नत मांगते हैं कि फसल अच्छी हो और भरपूर पानी गिरे।
इस बार बस्तर में अब तक अच्छी बारिश नहीं हुई है, जिससे किसान चिंतित हैं। इसलिए हरियाली अमावस्या से पहले विशेष पूजा की जा रही है।
Researched by – Kavita Yadav
