
महेश्वरी, रायपुर | उत्तर प्रदेश की पूजा यादव बेहद गरीब परिवार से हैं, उनका बचपन त्रिपाल की झोपड़ी में बीता। कठिन हालातों के बावजूद उन्होंने कड़ी मेहनत से पढ़ाई की और विज्ञान में उत्कृष्टता हासिल की।
आज पूजा जापान में रिसर्च कर रही हैं और भारत का नाम रोशन कर रही हैं। उसने एक डस्ट-फ्री थ्रेशर का मॉडल बनाया, जिसके लिए उसे राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली और अब केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय उसे पेटेंट करा रहा है. पूजा को एक एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत जापान भी भेजा गया था।
उसके पिता, पुत्तीलाल, जो मजदूरी करके परिवार का गुजारा चलाते हैं, पूजा की सफलता पर गर्व महसूस करते हैं.
पूजा का मॉडल, डस्ट-फ्री थ्रेशर, एक ऐसा उपकरण है जो धूल और गंदगी को हटाता है, जिससे फसलों की गुणवत्ता में सुधार होता है. यह मॉडल राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है और अब इसे पेटेंट कराने की प्रक्रिया चल रही है.
वे देश की नई राष्ट्रीय वैज्ञानिक प्रतिभा की मिसाल बन चुकी हैं। उनकी कहानी संघर्ष से सफलता तक का प्रेरणादायक सफर है। पूजा यादव साबित करती हैं कि हालात कैसे भी हों, अगर हौसला हो तो कोई भी ऊंचाई पाई जा सकती है।
