“उद्यम टॉक्स”, द लोक मीडिया का एक नया और प्रेरणादायक कार्यक्रम है। यह शो उन लोगों के लिए है जो अपने सपनों को हकीकत में बदलना चाहते हैं। यह सिर्फ एक इंटरव्यू नहीं, बल्कि जुनून, आत्मविश्वास और संघर्ष का एक सफर है। हर एपिसोड में हम एक नए उद्यमी, कलाकार और पेशेवर से मिलते हैं, जो अपना अनुभव साझा करते हैं और चुनौतियों के बारे में बताते हैं। यह वह जगह है, “जहां हर कहानी है, सफलता की ओर”।
पहले एपिसोड में हमारे साथ जुड़ीं एक ऐसी महिला उद्यमी, जिनके प्रेरणादायक प्रोजेक्ट जैसे “द पैड स्टोरी”, “विमेंस वेब”, और “अमानत फाउंडेशन” जैसे सफल प्रयास रहे हैं।
आस्था वर्मा जी, जो “प्रसिद्धि पीआर” की संस्थापक हैं। ब्रांड की छवि सुधारना हो या किसी इवेंट को चर्चा में लाना हो, ये हर काम रचनात्मक सोच और बड़ी रणनीति के साथ करती हैं।
उद्यम टॉक्स में उनसे हुई बातचीत को गहराई से जानते हैं:
सवाल: ऐसा कौन सा पल था जब आपको लगा कि अब यही करना है?
जवाब: मैंने हर काम सोच-समझकर शुरू किया। जब मैं ग्रेजुएशन के समय रायपुर आई, तभी से फ्रीलांसिंग का काम करना शुरू कर दिया था। मुझे इवेंट्स में बहुत रुचि थी, लेकिन उस क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी कम थी। तब मैंने और मेरे सह-संस्थापक शेख आरिफ ने सोचा कि कुछ ऐसा शुरू करते हैं जिसमें हम ज्यादा से ज्यादा महिलाओं की मदद कर सकें। इसी विचार के साथ अमानत फाउंडेशन की शुरुआत हुई।
सवाल: किसी दूसरी जगह से आकर दूसरे शहर में अपना व्यवसाय शुरू करना कितना मुश्किल होता है?
जवाब: मैं अपने सफर को मुश्किल तो नहीं कहूँगी, लेकिन इसमें कई चुनौतियाँ रही हैं। शुरुआती दौर में हमें बहुत कुछ पता नहीं होता, इसलिए अधूरी जानकारी होना जोखिम भरा होता है।
सवाल: सह-संस्थापक और एक प्रभावी टीम का होना काम को कितना आसान बनाता है?
जवाब: हाँ! चाहे वह मानसिक, शारीरिक, या काम बाँटने का सहयोग हो, यह बहुत ज़रूरी होता है। मेरे लिए मेरी टीम बहुत महत्वपूर्ण है। मैं टीम को अपनी संपत्ति और परिवार मानती हूँ।
सवाल: रायपुर में अभी मार्केटिंग का कितना स्कोप है?
जवाब: कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जो हमेशा बढ़ते रहेंगे। हाँ! कुछ बदलाव ज़रूर होंगे, जैसे अभी एआई (AI) आया है। मार्केटिंग ने पिछले 5-7 सालों में जो गति पकड़ी है, वह शानदार है। रायपुर में कई मार्केटिंग एजेंसियाँ हैं। तो मार्केटिंग तो बढ़ रही है, लेकिन असली मार्केटिंग कितनी बढ़ पा रही है, यह महत्वपूर्ण है।
सवाल: प्रसिद्धि पीआर अलग क्यों है?
जवाब: हम बस यह कोशिश करते हैं कि हमने जो वादा किया है, उसे पूरा करें। हम क्लाइंट के ब्रांड को अच्छे से समझते हैं और ऐसा कोई ब्रांड प्रमोट नहीं करते हैं जिसकी बाजार में ज़रूरत न हो।
सवाल: इस क्षेत्र में आने से पहले किन ज़रूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए?
जवाब: बुनियादी जानकारी होना बहुत ज़रूरी है। आजकल छोटे बच्चे भी यूट्यूब और इंस्टाग्राम चलाना जानते हैं, इसलिए सिर्फ उन्हें इस्तेमाल करने से आप इस क्षेत्र में न आएं, बल्कि पूरी जानकारी होना ही महत्वपूर्ण है।
सवाल: “एआई बनाम मानव मस्तिष्क” इस विषय पर आप क्या कहेंगी?
जवाब: एआई से हमारे काम आसान और तेज हो गए हैं, लेकिन प्रतिभाएँ कम हो गई हैं। मैं भी एआई का इस्तेमाल करती हूँ, लेकिन अगर मुझे 10 लाइनें चाहिए, तो मैं चैटजीपीटी (ChatGPT) को 100 लाइनें देती हूँ।
सवाल: आप लोगों को क्या संदेश देंगी?
जवाब: मैं यही कहना चाहूँगी, “एक्सप्रेस योरसेल्फ”, बोलो जो आप महसूस करते हैं। खुद को समझो और जो है, वही बोलो।
आस्था जी ने अपने अनुभव साझा किए और मार्केटिंग से जुड़ी बहुत सी बातों को गहराई से समझाया।
अगर आप आस्था जी का यह इंटरव्यू देखना चाहते हैं, तो @thelokmedia के यूट्यूब चैनल पर ज़रूर देखें।
