रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके पुत्र चैतन्य बघेल को सुप्रीम कोर्ट से कोई तत्काल राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान पिता-पुत्र को निर्देश दिया कि वे व्यक्तिगत राहत की मांग के लिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का रुख करें।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाला बागची की पीठ ने यह भी कहा कि हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई प्राथमिकता के आधार पर करे। गौरतलब है कि भूपेश और चैतन्य बघेल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई, गिरफ्तारी और पूछताछ की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
6 अगस्त को अगली सुनवाई
ūसुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धाराओं की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने के लिए अलग याचिका दाखिल की जाए। इस मुद्दे पर अगली सुनवाई अब 6 अगस्त को होगी।
