19 साल की दिव्या देशमुख ने जीती कोनेरू हम्पी से शतरंज की बाज़ी, बनी पहली भारतीय महिला वर्ल्ड चैंपियन

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– FIDE womens world cup 2025 में दिव्या ने सोमवार को जॉर्जिया के बटुमी में दूसरे रैपिड टाई-ब्रेकर गेम में काले मोहरों से खेलते हुए हम्पी को हराकर खिताब जीता। दिव्या ने फ़ाइनल में प्रवेश करके कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई कर लिया। अब वह FIDE महिला विश्व कप जीतने वाली पहली भारतीय बन गई हैं, और परिणामस्वरूप सीधे ग्रैंडमास्टर का खिताब भी हासिल कर लिया है।

– अखिल भारतीय फ़ाइनल में, जो टाईब्रेक तक गया, दिव्या ने हम्पी को 1.5-0.5 से हराया। पहला रैपिड गेम ड्रॉ रहा, और अगला गेम दिव्या ने काले मोहरों से खेलते हुए शानदार जीत हासिल कर मैच जीत लिया। FIDE के इस फाइनल मैच में उनका सामना भारत की ही कोनेरू हम्पी से हुआ था।

– दिव्या देशमुख ने कोनेरू हम्पी को टाईब्रेक में हराकर 2025 की FIDE महिला विश्व कप चैंपियन बनीं – और भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर बनीं।

– दिव्या ने 5 साल की उम्र में शतरंज खेलना सीखा, 2014 और 2017 में अंडर 10 और 12 जीता।

– 2021 में विमेन ग्रैंड मास्टर और 2023 में इंटरनेशनल मास्टर बनीं

– माता पिता दोनों ही गाइनेकोलॉजिस्ट, मां सिखाती थी ट्रेन में चेस की बाज़ियाँ

– पिछले महीने वर्ल्ड रैपिड और ब्लिट्ज टूर्नामेंट में वर्ल्ड नंबर वन हौ यिफान को हराया था, मोदी ने की थी तारीफ़।

– आपको बता दें दिव्या देशमुख ने जिन्हें हराया है वह विश्व की बेहतरीन चेस प्लेयर्स में गिनी जाने वाली कोनेरू हम्पी हैं। जो 2002 में, ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल करने वाली सबसे कम उम्र की महिला बनीं थी, तब उन्होंने जुडिट पोलगर का रिकॉर्ड तोड़ दिया था।

 

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Author: thelokmedia

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