छत्तीसगढ़ के मैनपाट में मौजूद उल्टापानी को लेकर बना हुआ रहस्य दरअसल ये है कि क्या यह सच में गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ जाता है। तो ऐसा बिल्कुल नहीं है, विज्ञान के अनुसार पानी ऊपर नहीं चढ़ता, बल्कि यह एक ऑप्टिकल इल्यूजन है। यानि हो सकता है कि पहाड़ों की ढलानों से जो भूआकृति बनती है उसकी वजह से ऐसा हो सकता है। क्योंकि ऐसा सिर्फ़ दुनिया में एक नहीं कई जगह होता है जैसे USA के कैलिफोर्निया में मौजूद मिस्ट्री स्पॉट में जहां लोग खुद को झुका हुआ महसूस करते हैं, और यहां पानी भी ढलान के विपरीत बहता दिखाई देता है। लेकिन असल में यह दृष्टि भ्रम (optical illusion) है, जो खास ढंग से बने केबिन और झुकी हुई पृष्ठभूमि के कारण होता है।
वैज्ञानिकों ने जब इस क्षेत्र का अध्ययन किया तो पाया कि उल्टा पानी क्षेत्र में चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता 21 µT से 50 µT तक है। साथ ही, यहाँ की भौगोलिक बनावट जैसे ऊँचाई और चट्टानों की संरचना भी उल्टा पानी में जो प्रभाव दिखता है उसे जन्म देती है।
इसको लेकर एक और तथ्य बरनौली के प्रमेय से जुड़ा है। स्कूल में आपने बरनौली की प्रमेय पढ़ी होगी। जिसका इस्तेमाल पानी की गति और दबाव को समझाने के लिए होता है। अब समझिए कि अगर किसी नदी या धार में नीचे की ओर ढलान बहुत ही कम या न के बराबर हो, और वहाँ कुछ बल (जैसे हवा, दबाव या चुंबकीय खिंचाव) हो, तो पानी का बहाव असामान्य यानि नीचे से ऊपर दिख सकता है।
साथ ही कुछ शोधकर्ता इसमें समय और खगोल भौतिकी का रोल भी बताते है। वे मानते हैं कि सूर्य का गुरुत्वाकर्षण, पृथ्वी की स्थिति और कुछ खगोल भौतिकीय कारक (जैसे “सौर कोण समय”) मिलकर भी जल के बहाव को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि, यह एक अनुमान है और इसके अभी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं। उल्टा पानी को लेकर अभी और खोज की जरूरत है जैसे यहां का चुंबकीय प्रभाव क्या है।
अब मैनपाट के बिसरपानी में मौजूद उल्टापानी में ही ऐसा नहीं होता देश दुनिया में कई और जगह हैं जहां ऐसा कुछ होता है। नर्मदा नदी – जो अमरकंटक से पश्चिम की ओर बहती है, जबकि बाकी नदियाँ पूरब की ओर। अब दुनिया की ओर नज़र डालें तो Magnetic Hill – Moncton, Canada में भी एक पहाड़ी है जिस पर गाड़ी को न्यूट्रल में छोड़ने पर वह ऊँचाई की ओर चढ़ती दिखती है! पर हकीकत में यह सड़क की बनावट और आसपास के भूदृश्य की वजह से दिमाग को धोखा देने वाला भ्रम है।
