क्वाड देशों ने मिलकर शुरू की ‘क्रिटिकल मिनरल्स पहल’, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सप्लाई चेन और समुद्री सुरक्षा को लेकर भी बनी रणनीति

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क्वाड देशों ने मिलकर शुरू की ‘क्रिटिकल मिनरल्स पहल’, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सप्लाई चेन और समुद्री सुरक्षा को लेकर भी बनी रणनीति

वॉशिंगटन डीसी/नई दिल्ली।
भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने मंगलवार को वॉशिंगटन डीसी में आयोजित 10वीं क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में एक महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की। बैठक में चारों देशों ने मिलकर ‘क्वाड क्रिटिकल मिनरल्स इनिशिएटिव’ की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य ज़रूरी खनिजों की सप्लाई चेन को मजबूत, सुरक्षित और टिकाऊ बनाना है।

विदेश मंत्रियों की मौजूदगी में हुई घोषणा

इस बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिका के मार्को रूबियो, जापान के ताकेशी इवाया और ऑस्ट्रेलिया की पेनी वोंग शामिल हुए। अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा जारी फैक्टशीट में बताया गया कि यह पहल ई-कचरे से खनिजों को दोबारा प्राप्त करने, उनके पुनःप्रसंस्करण और निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने पर भी जोर देगी।

समुद्री सुरक्षा पर भी लिया गया अहम फैसला

बैठक में क्वाड देशों ने समुद्री सुरक्षा को लेकर एक नया मिशन ‘Quad-at-Sea’ शुरू किया है। इसके तहत चारों देशों के अधिकारी अमेरिका के कोस्ट गार्ड जहाज़ पर पर्यवेक्षक के रूप में सवार होंगे और पलाऊ से गुआम तक की यात्रा के दौरान समुद्री गतिविधियों की निगरानी करेंगे।

इसके साथ ही, जुलाई 2025 में ‘दूसरा समुद्री कानूनी संवाद’ (Maritime Legal Dialogue) आयोजित करने की भी घोषणा की गई है।

IPMDA और MAITRI जैसे प्रोग्राम होंगे और मजबूत

‘समुद्री क्षेत्र जागरूकता के लिए भारत-प्रशांत साझेदारी (IPMDA)’ को और मजबूत किया जाएगा। इसके तहत क्वाड देश समुद्री डाटा, विश्लेषण, प्रशिक्षण और निगरानी के लिए मिलकर काम करेंगे। इस प्रयास को भारतीय महासागर क्षेत्र तक फैलाने की योजना है।

इसके अलावा, इस वर्ष ‘MAITRI’ नामक एक कार्यशाला आयोजित की जाएगी, जिसमें क्षेत्रीय भागीदारों के साथ मिलकर समुद्री क्षमताओं का मूल्यांकन और विकास किया जाएगा।

भविष्य की योजनाएं: बंदरगाहों और डिजिटल नेटवर्क पर ध्यान

क्वाड देश अब बंदरगाहों और लॉजिस्टिक्स को लेकर भी मिलकर काम करेंगे। अक्टूबर 2025 में मुंबई में ‘क्वाड पोर्ट्स ऑफ द फ्यूचर पार्टनरशिप’ सम्मेलन आयोजित होगा। इस सम्मेलन का उद्देश्य बंदरगाह प्रबंधन, निवेश और लॉजिस्टिक प्रथाओं को लेकर सहयोग बढ़ाना है।

वहीं, अमेरिका और भारत इस वर्ष एक ‘अंडरसी केबल्स फोरम’ की भी मेजबानी करेंगे, जिसमें डिजिटल अवसंरचना और डेटा सुरक्षा से जुड़े नियमों पर चर्चा होगी।

क्वाड का लक्ष्य – एक स्वतंत्र, सुरक्षित और समृद्ध इंडो-पैसिफिक क्षेत्र

बैठक के अंत में चारों देशों ने दोहराया कि उनका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को स्वतंत्र, खुला, सुरक्षित और समृद्ध बनाना है। यह पहल न केवल चारों देशों के नागरिकों को लाभ पहुंचाएगी, बल्कि पूरे क्षेत्र में स्थिरता और विकास को भी बढ़ावा देगी।

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Author: thelokmedia

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