सुहाग की सलामती के लिए वट सावित्री व्रत : सुहागिनों ने सोलह श्रृंगार कर वटवृक्ष की पूजा की, निर्जला व्रत रखा

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प्रदेशभर में आज सुहागिनों ने मनाई वट सावित्री पूजा

 

आज प्रदेश भर के वट वृक्षों में महिलाओं ने पूजा अर्चना की एवं अपने अपने पति के दीर्घ आयु की कामना में उपवास रखा। आइए जाने वट सावित्री व्रत के बारे में…

क्या है वट सावित्री व्रत?

वट सावित्री व्रत हिंदू महिलाओं का एक खास त्योहार है, जो अपने पति की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए रखा जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत (बिना पानी के उपवास) रखती हैं और वटवृक्ष (बड़ के पेड़) की पूजा करती हैं। इस व्रत का नाम ‘सावित्री’ के नाम पर पड़ा है, जिन्होंने यमराज से अपने पति सत्यवान को वापस पाया था।

आज कैसे मनाया गया व्रत?

आज प्रदेशभर की सुहागिनों ने श्रद्धा और आस्था के साथ यह व्रत मनाया। पारंपरिक परिधानों में सजी हुई महिलाओं ने सोलह श्रृंगार करके व्रत रखा और वटवृक्ष की पूजा की। पेड़ की परिक्रमा की, धागा बांधा, फल-फूल चढ़ाए और कथा सुनी। इस व्रत को विशेष रूप से पति की दीर्घायु, अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की कामना से किया जाता है।

 

समाज और परंपरा से जुड़ा उत्सव

वट सावित्री व्रत केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और पारिवारिक जुड़ाव का प्रतीक भी है। महिलाएं समूह में इकट्ठा होकर पूजा करती हैं, जिससे आपसी मेलजोल भी बढ़ता है। यह परंपरा आज के दौर में भी पूरी श्रद्धा से निभाई जा रही है और आने वाली पीढ़ियों तक इसे पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।

 

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Author: thelokmedia

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